राजनीतिक परिदृश्य (political landscape)
डीडवाना की धरती राजस्थान व भारत की राजनीति एवं धार्मिक मामलों का प्रभावशाली केंद्र रही है। डीडवाना ने राजस्थान की राजनीति में उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पार्टी अध्यक्ष, सांसद, केबिनेट एवं राज्यमंत्री दिए है। जिनमे कुछ व्यक्तित्वों का सामान्य परिचय निचे दिया गया है।
1. मथुरादास माथुर
जोधपुर निवासी मथुरादास माथुर डीडवाना के पहले विधायक के रूप में चुने गये। इन्होने राजस्थान विधानसभा में 1952, 1967 एवं 1977 में तीन बार डीडवाना का प्रतिनिधित्व किया है, जो कि डीडवाना सीट का रिकार्ड है। ये 1967 में मोहनलाल सुखाड़िया सरकार में मंत्री भी रहे। मथुरादास माथुर दूसरे लोकसभा चुनाव में नागौर सीट से जीत कर सांसद बने।
2. पण्डित बच्छराज व्यास
“तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहे ना रहे” जैसी कविता के रचियता
डीडवाना निवासी बच्छराज व्यास का जन्म 24 सितंबर 1916 को हुआ। पं.व्यास जनसंघ के नेता थे। 1965 में पं.व्यास को जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। ये नागपुर के संघ मुख्यालय से अपना कार्य करते रहे। बालासाहब व हेडगेवार के कहने पर पं.व्यास 1944 से 1947 तक राजस्थान में संघ का प्रचार प्रसार किया, इस दौरान इन्होने अपने गृहनगर डीडवाना में राजस्थान की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रथम शाखा की स्थापना कर डीडवाना नगर को गौरव प्रदान किया। व्यास जी का जनसंघ के मुख्य नेताओं पं.दीनदयाल उपाद्याय, डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी आदि के साथ सीधा संम्पर्क था। व्यास जी 1958 से 1962 तक महाराष्ट्र विधानपरिषद् के सदस्य रहे। पं.व्यास का निधन 1972 को हुआ। डीडवाना एवं नागपुर में आदर्श विद्या मंदिर का निर्माण किया गया।
3. हरिशंकर भाभड़ा
6 अगस्त 1928 को डीडवाना में जन्मे हरिशंकर भाभड़ा पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे। स्वतंत्रता सेनानी के रूप में 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हरिशंकर भाभड़ा भारतीय जनसंघ की प्रदेश इकाई के कोषाध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी रहे।
राजनितिक सफर
- 1963 में डीडवाना नगरपालिका के अध्यक्ष।
- आपातकाल के दौरान 18 माह जेल में।
- 1978 से 1984 – राज्यसभा के सदस्य।
- 1985 से 1993 – रतनगढ़(चूरु) सीट से विधायक।
- 9वीं व 10वीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे।
- 1994 में भैरौसिंह शेखावत सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे।
- 2003 के चुनावों में हारे हुए
- वसुंधरा सरकार में उन्हे केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ।
4. गुमानमल लोढा
गुमानमल लोढ़ा का जन्म 15 मार्च 1926 को डीडवाना में हुआ। इन्होने जोधपुर में वकालत की। लोढा़ ने वर्ष 1962 व 1967 में जनसंघ पार्टी से जोधपुर शहर सीट से चुनाव लड़ा, परन्तु दोनो बार पराजित रहे। वर्ष 1969-1971 तक जनसंघ की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष रहे। 1972 में जोधपुर शहर सीट से विधायक बने और विधानसभा में जनसंघ के नेता बने। 1978 में गुमानमल लोढ़ा राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधिपति तथा वर्ष 1988 में असम उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश बने।1989, 1991 व 1996 चुनावों में गुमानमल लोढा़ भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर पाली संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गये। वर्ष 2009 में गुमानमल लोढ़ा का निधन हो गया।
डीडवाना के विधायक – वर्ष 1952 से वर्तमान तक
1.मथुरादास माथुर :- वर्ष 1952 (कांग्रेस)
2.मोतीलाल :- वर्ष 1957 (कांग्रेस)
3.मोतीलाल :- वर्ष 1962 (कांग्रेस)
4.मथुरादास माथुर :- वर्ष 1967 (कांग्रेस)
5.भोमाराम :- वर्ष 1972 (स्वतंत्र पार्टी)
6.मथुरादास माथुर :- वर्ष 1977 (कांग्रेस)
7.उम्मेदसिंह :- वर्ष 1980 (जनता पार्टी)
8.भंवराराम सुपका :- वर्ष 1985 (कांग्रेस)
9.उम्मेदसिंह :- वर्ष 1990 (जनता दल)
10.चेनाराम चौधरी :- वर्ष 1993 (निर्दलीय)
11.रूपाराम डुडी :- वर्ष 1998 (कांग्रेस)
12.युनूस खान :- वर्ष 2003 (भाजपा)
13.रूपाराम डुडी :- वर्ष 2008 (कांग्रेस)
14.युनूस खान :- वर्ष 2013 (भाजपा)
15.चेतन डुडी :- वर्ष 2018 (कांग्रेस) से वर्तमान
to be continued…….